लोगों की राय

बी एड - एम एड >> बी.एड. सेमेस्टर-3 प्रश्नपत्र-1 - विद्यालय नेतृत्व एवं प्रबन्धन

बी.एड. सेमेस्टर-3 प्रश्नपत्र-1 - विद्यालय नेतृत्व एवं प्रबन्धन

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :172
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 2708
आईएसबीएन :0

Like this Hindi book 0

बी.एड. सेमेस्टर-3 प्रश्नपत्र-1 - विद्यालय नेतृत्व एवं प्रबन्धन

प्रश्न- शिक्षा-प्रशासन तथा शिक्षा प्रबन्ध में अन्तर समझाइए तथा शिक्षा प्रबन्ध की महत्वपूर्ण दशाएँ बताइए।

उत्तर -

शिक्षा - प्रशासन तथा शिक्षा प्रबन्ध में अन्तर

प्रबन्ध और प्रशासन को लेकर अनेक मतभेद हैं। इनको लेकर तीन प्रकार की धारणाएँ प्रचलित हैं -

(1) शिक्षा - प्रशासन शब्द शिक्षा प्रबन्ध की तुलना में अधिक व्यापक है - शिक्षा- प्रशासन एक व्यापक प्रक्रिया है जिसमें राज्य से लेकर केन्द्र तक सभी शिक्षा से सम्बन्धित वे सत्ताएँ सम्मिलित होती हैं जो शिक्षा के क्षेत्र में नीति निर्माण, लागू करने और आदेश जारी करने का अधिकार रखते हैं। शिक्षा प्रशासन से सम्बन्धित अधिकारी किसी भी शिक्षण संस्था का निरीक्षण, परीक्षण कर सकता है और आवश्यक निर्देश देने का कार्य शिक्षा प्रशासन द्वारा किया जाता जबकि शिक्षा प्रबन्ध शिक्षा संस्था की आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति एवं व्यवस्था करने से सम्बन्धित होता है। शिक्षा प्रबन्ध शिक्षा प्रशासन द्वारा बनाई गई शिक्षा नीति को कार्यरूप देते हैं। प्रशासन द्वारा दिये गये निर्देशों का अनुपालन करते हैं। वे स्वयं कोई आदेश अथवा शिक्षा नीति का निर्माण कर लागू नहीं कर सकते हैं।

(2) प्रशासन प्रबन्ध का अंग है - इस विचार के प्रतिपादक ई. एल. ब्रेच हैं। इनके अनुसार प्रबन्ध का कार्य उपक्रम की नीतियाँ निर्माण करना, लक्ष्य निर्धारण करना है। प्रशासन उनको क्रियान्वित करता है। इस तरह प्रशासन प्रबन्धन प्रक्रिया का ही एक अंग है। प्रशासन की प्रबन्धन से श्रेष्ठता के समर्थक विद्वानों में स्प्रिंगल जे. एन. शुल्ज तथा आलीवर शेल्डन हैं जो प्रशासन को प्रबन्ध से ऊपर मानते हैं। प्रशासन नीतियाँ व उद्देश्य तय करता है। प्रबन्ध उनको क्रियान्वित करता है।

स्प्रिंगल के अनुसार, - "शिक्षा प्रशासन किसी भी संगठन के उद्देश्य व नीतियाँ बनाता 1 लक्ष्यों की प्राप्ति के लिये विस्तृत क्षेत्र भी तय करता है। जबकि प्रबन्ध क्रियान्वयन सम्बन्धी कार्य करता है जो प्रशासन द्वारा निर्धारित नीतियों को क्रियान्वित करता है।

जे. एन. शुल्ज़ की भी यही धारणा है - कि प्रशासन वह शक्ति है जो उद्देश्य निर्धारित करती जिसके अन्तर्गत संगठन एवं प्रबन्ध प्रयत्न करते हैं। प्रबन्ध वह शक्ति है जो पूर्व निर्धारित उद्देश्यों की पूर्ति हेतु संगठन की स्थापना एवं उनका मार्गदर्शन व निर्देशन करता है।

आलीवर शेल्डन के अनुसार, - "प्रबन्ध का कार्य प्रशासन द्वारा निर्धारित सीमाओं के अन्तर्गत नीतियों को क्रियान्वित करता है तथा निश्चित उद्देश्यों की पूर्ति के लिये संगठन का कार्य नियोजित करता है।

(3) शिक्षा प्रबन्ध की शिक्षा प्रशासन से श्रेष्ठता के समर्थक - ई. एफ. एल. बेंच के अनुसार, "प्रबन्ध शब्द शिक्षा प्रशासन से कहीं अधिक व्यापक है। वे प्रशासन को प्रबन्ध का ही अंग मानते हैं। इसी तरह जे. एन. लुडी भी प्रबन्धन को प्रशासन से व्यापक मानते हैं। उनके अनुसार प्रबन्धन क्षेत्र के अन्तर्गत प्रशासन तथा क्रियान्वयन दोनों समाविष्ट हैं। अमरीकी विचारधारा के समर्थक विचारक प्रशासन को नीति निर्धारक एजेन्सी तथा प्रबन्ध को नीतियों को क्रियान्वित करने वाली एजेन्सी मानते हैं। इस प्रकार शिक्षा प्रबन्धन एवं शिक्षा प्रशासन में कुछ स्पष्ट अन्तर दिखाई पड़ते हैं -

(i) प्रशासन वह शक्ति है जो व्यापक नीतियाँ निर्धारित करता है जिन्हें प्रबन्ध संगठन के माध्यम से पूरा करने का प्रयास करती है जबकि प्रबन्ध वह शक्ति है जो पूर्व निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति हेतु संगठन का पथ-        प्रदर्शन, निर्देशन व नेतृत्व करती है।
(ii) प्रशासन निर्धारणात्मक भूमिका निभाता है तो वहीं प्रबन्ध क्रियात्मक भूमिका का निर्वहन करता है।
(iii) प्रशासन नीति निर्धारण वित्त उत्पादन तथा वितरण में समन्वय संगठन के क्षेत्र का निर्धारण एवं अधिकृतियों के अन्तिम निर्णय से सम्बन्ध रखता है। वहीं प्रबन्ध के अन्तर्गत नीतियों को कार्य रूप देना,             उद्देश्यों की प्राप्ति के लिये संगठन का नियोजन करना सम्मिलित है।
(iv) प्रशासन वह अभिकरण है जो संगठन के लक्ष्यों, उद्देश्यों के निर्धारण की क्रिया को निश्चित करता है और प्रबन्ध वह अभिकरण है जो नीतियों के क्रियान्वयन का नियोजक एवं पर्यवेक्षण करती है।
(v) शैक्षिक प्रबन्धन एक व्यापक प्रबन्धन एवं व्यापक प्रक्रिया है। इसमें देश की आवश्यकता संसाधन मानव शक्ति नियोजन आदि निहित होते हैं। प्रबन्ध के क्षेत्र की व्याख्या करते हुए फेयोल ने कहा है- प्रबन्धन     एक सार्वभौमिक विज्ञान है जो वाणिज्य, उद्योग, राजनीति, धर्म, शिक्षा, युद्ध और जनकल्याण सभी पर समान रूप से लागू होता है। शैक्षिक प्रशासन का सम्बन्ध मुख्यतः शिक्षा से ही होता है। अतएव शिक्षा के     क्षेत्र में संगठन जिस ढाँचे या तन्त्र को खड़ा करता है, शैक्षिक प्रशासन उसे कार्यान्वित करने में सहायक होता है जिससे शैक्षिक उद्देश्यों की अधिकाधिक प्राप्ति सम्भव होती है।

शिक्षा प्रबन्ध की दशाएँ

शिक्षा प्रबन्ध की प्रमुख दशाएँ हैं

(1 ) शैक्षिक नियोजन - शैक्षिक नियोजन उपलब्ध साधनों का हमारी समस्याओं व नए कार्यों को पूर्ण करने में कुशलतापूर्वक किया गया प्रयोग है जिससे हम उद्देश्यों की प्राप्ति करते हैं। शैक्षिक नियोजन ऐसे प्रयासों की ओर संकेत करता है जो शैक्षिक तन्त्र में कुछ उपयुक्त उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिये नियोजित तथा सह-प्रयास परिवर्तन लाने हेतु किए जाते हैं। शैक्षिक नियोजन किसी सत्ता द्वारा प्रमुख शैक्षिक निर्णय लेने की ऐसी क्रिया है जिनमें समस्त शैक्षिक एवं आर्थिक व्यवस्था के व्यापक सर्वेक्षण के आधार पर निर्णय लिया जाता है।

(2) शैक्षिक - प्रशासन शैक्षिक प्रशासन का सम्बन्ध शिक्षा से ही होता है। शैक्षिक प्रशासन शिक्षा के सम्बन्ध में योजना बनाना, संगठन पर ध्यान देना, निर्देशन तथा पर्यवेक्षण आदि अनेक कार्यों से इसका गहरा सम्बन्ध है। कक्षा भवन, पुस्तकालय, क्रीड़ा-स्थल, कार्यालय, पाठ्येत्तर क्रियाओं का सफलतापूर्वक संयोजन करता है और निरन्तर प्रगति के लिये प्रयत्न करना शैक्षिक प्रशासन का ही कार्य होता है।

(3) शैक्षिक संगठन - विद्यालय एक संगठन है। प्रबन्धक अथवा प्रशासक की आवश्यकता किसी भी संगठन को सुचारु रूप से चलाने के लिये आवश्यक होती है। संगठन मूल रूप से सभी प्रकार के प्रशासनिक एवं प्रबन्ध कार्यों का आधार होता है। संगठन लक्ष्यों को प्राप्त करने का प्रमुख साधन है।

(4) शैक्षिक - निर्देशन - शैक्षिक प्रबन्ध में निर्देशन आवश्यक होता है। शैक्षिक निर्देशन का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों की इस प्रकार सहायता करना है जिससे वे विद्यालय पाठ्यक्रम तथा सम्बन्धित सामाजिक जीवन में स्वयं को समायोजित कर सकें। जब विद्यार्थी नवीन विद्यालयों में प्रवेश लेते हैं या ग्रामीण क्षेत्रों के बालक समुचित शिक्षा उपलब्ध न होने पर नगरों में स्थित विद्यालयों में प्रवेश लेते हैं तो उनको नया वातावरण व नया सामाजिक जीवन मिलता है जिसमें वे स्वयं को समायोजित नहीं कर पाते तथा विभिन्न कठिनाइयों का अनुभव करते हैं। शैक्षिक निर्देशन. नवीन वातावरण में समायोजन स्थापित करने में विद्यार्थियों की सहायता करता है।

(5) शैक्षिक समन्वय - शैक्षिक समन्वय शैक्षिक प्रबन्धन के विभिन्न स्तरों पर सहयोग स्थापित करने का कार्य करता है। बिना समन्वय के शैक्षिक प्रबन्धन एवं प्रशासन उचित प्रकार से कार्य नहीं कर सकते हैं। शैक्षिक नीतियाँ, संस्थाओं का पाठ्यक्रम, दिनचर्या आदि शैक्षिक क्रियाएँ नहीं हो सकती हैं। यदि शैक्षिक संस्थाओं के प्रबन्धन एवं प्रशासन में समन्वय की कमी हो जाये।

(6) शैक्षिक पर्यवेक्षण - कर्मचारियों, शिक्षक, छात्रों एवं अन्य शिक्षण सम्बन्धी क्रियाओं से सम्बन्धित व्यक्तियों को क्या करना है एवं कैसे करना है, सम्बन्धी दिशा-निर्देश देने के पश्चात् प्रबन्धकों का यह कर्तव्य बन जाता है कि वे देखें कि कार्य निर्देशों के अनुसार हो रहा है अथवा नहीं। इसे पर्यवेक्षण कहते हैं। पर्यवेक्षण की आवश्यकता शैक्षिक प्रबन्धन के सभी स्तरों पर होती है।

(7) शैक्षिक नियन्त्रण - शिक्षण के नियोजन, उसकी व्यवस्था तथा मार्गदर्शन के पश्चात् महत्वपूर्ण सोपान है - शैक्षिक नियन्त्रण नियन्त्रण का तात्पर्य शिक्षण अधिगम की प्रकिया का उद्देश्यों के सन्दर्भ में मूल्यांकन तथा मापन करना है। नियन्त्रण की क्रिया द्वारा जहाँ एक ओर शिक्षण परिस्थितियों के नियोजन, व्यवस्था तथा मार्गदर्शन में आवश्यक हेर-फेर करके शिक्षण को सफल बनाने में सहायता मिलती है, वहीं दूसरी ओर इसके द्वारा पाठ्यक्रम शिक्षण की नीतियों, प्रविधियों तथा युक्तियों के सुधार करने में भी पर्याप्त सहायता मिलती है।

(8) शैक्षिक मूल्यांकन - शिक्षा में मूल्यांकन की अवधारणा शिक्षण उद्देश्य की व्याख्या करती है। शिक्षा में मूल्यांकन की परम्परा प्रारम्भ से ही किसी न किसी रूप में अवश्य रही है। मूल्यांकन एक सक्रियात्मक अवधारणा है जिसमें छात्रों में मूल्यों का अंकन व निरूपण करना होता है। मापन उपरान्त प्राप्त अपेक्षित अल्पमत को पूरित करना मूल्यांकन कहलाता है।

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

    अनुक्रम

  1. प्रश्न- नेतृत्व का अर्थ स्पष्ट करते हुए नेतृत्व के प्रकार तथा आवश्यकता की विवेचनाकीजिए।
  2. प्रश्न- नेतृत्व के विभिन्न सिद्धान्तों का उल्लेख करते हुए नेता के सामान्य गुणों का वर्णन कीजिए।
  3. प्रश्न- शिक्षा में नेतृत्व की महत्ता की विवेचना शिक्षा-प्रशासन तथा शिक्षण अधिगम के क्षेत्र में विस्तार से कीजिए।
  4. प्रश्न- नेतृत्व से सम्बन्धित किन्हीं दो सिद्धान्तों को विस्तार से विवेचित कीजिये।
  5. प्रश्न- विद्यालय नेता के रूप में प्राचार्य की भूमिका स्पष्ट कीजिए।
  6. प्रश्न- नेतृत्व का अर्थ एवं परिभाषा दीजिए।
  7. प्रश्न- शैक्षिक नेतृत्व में नैतिकता और शिष्टाचार का उल्लेख कीजिए।
  8. प्रश्न- प्रभावी शैक्षिक नेतृत्व के विकास के सोपान को स्पष्ट कीजिए।
  9. प्रश्न- प्रजातांत्रिक व निरंकुशवादी नेतृत्व में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  10. प्रश्न- शैक्षिक नेतृत्व की अवधारणा लिखिए।
  11. प्रश्न- विद्यालय प्रशासन में ग्रिफिथ्स द्वारा कल्पित विद्यालय तन्त्र की विस्तृत विवेचना कीजिए।
  12. प्रश्न- विद्यालय के शैक्षिक प्रशासन में मानवीय सम्बन्धों का उल्लेख कीजिए।
  13. प्रश्न- प्रधानाचार्य तथा शिक्षक के सम्बन्ध पर टिप्पणी लिखिए।
  14. प्रश्न- संघर्षरहित वातावरण की विशेषता स्पष्ट कीजिए।
  15. प्रश्न- नेतृत्व में समूह बनाने की अवधारणा लिखिए।
  16. प्रश्न- शिक्षा के प्रबन्धन का अर्थ स्पष्ट करते हुए शिक्षा में प्रबन्ध के कार्य क्षेत्र पर प्रकाश डालिए।
  17. प्रश्न- प्रबन्धन के महत्व को स्पष्ट कीजिये।
  18. प्रश्न- प्रबन्धन से आप क्या समझते हैं? इसकी समुचित परिभाषा देते हुए विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
  19. प्रश्न- शिक्षा प्रबन्धन की अवधारणा स्पष्ट करते हुए इसकी विशेषता एवं क्षेत्र का उल्लेख कीजिए।
  20. प्रश्न- शैक्षिक प्रबन्धन के कार्यों की विस्तृत विवेचना कीजिए।
  21. प्रश्न- शैक्षिक प्रबन्धन की प्रक्रिया का वर्णन कीजिए।
  22. प्रश्न- शिक्षा-प्रशासन तथा शिक्षा प्रबन्ध में अन्तर समझाइए तथा शिक्षा प्रबन्ध की महत्वपूर्ण दशाएँ बताइए।
  23. प्रश्न- शैक्षिक प्रबन्धन की समस्याएँ बताइए।
  24. प्रश्न- प्रबन्धन के मुख्य कार्यों को संक्षेप में बताये ?
  25. प्रश्न- पोस्डकॉर्ब (POSDCORB ) को स्पष्ट कीजिये।
  26. प्रश्न- कुछ प्रमुख विचारकों द्वारा बताये गये प्रबन्धन के कार्यों का उल्लेख कीजिये।
  27. प्रश्न- शैक्षिक प्रबन्धन के सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
  28. प्रश्न- शिक्षा प्रबन्ध के क्षेत्र को संक्षेप में स्पष्ट कीजिए।
  29. प्रश्न- शैक्षिक प्रबन्धन की आवश्यकता एवं महत्व का वर्णन कीजिए।
  30. प्रश्न- शैक्षिक प्रबन्धन को प्रभावित करने वाले तत्त्व की विवेचना कीजिए।
  31. प्रश्न- शैक्षिक प्रबन्धन के उद्देश्य स्पष्ट कीजिए।
  32. प्रश्न- एक अच्छे प्रबन्धक की विशेषतायें लिखिये।
  33. प्रश्न- विद्यालय में कक्षा-कक्ष प्रबन्धन से क्या आशय है? कक्षा-कक्ष प्रबन्धन की प्रक्रिया को समझाइये।
  34. प्रश्न- कक्षा-कक्ष प्रबन्धन का अर्थ एवं सिद्धान्त की विवेचना कीजिए।
  35. प्रश्न- कक्षा-कक्ष प्रबन्धन की समस्याओं का विस्तृत वर्णन कीजिए।
  36. प्रश्न- कक्षा-कक्ष प्रबन्धन कौशल के प्रमुख घटक या चर कौन-से हैं ?
  37. प्रश्न- कक्षा-कक्ष प्रबन्धन के उद्देश्य लिखिए ?
  38. प्रश्न- कक्षा-कक्ष प्रबन्धन को प्रभावित करने वाले कोई पाँच कारक लिखिए।
  39. प्रश्न- कक्षा-कक्ष प्रबन्धन के सिद्धान्तों की व्याख्या संक्षेप में कीजिये।
  40. प्रश्न- कक्षा-कक्ष प्रबन्धन की समस्यायें बताइये?
  41. प्रश्न- कक्षा-कक्ष के प्रमुख घटक या चर कौन से हैं? वर्णन कीजिए।
  42. प्रश्न- कक्षाकक्ष प्रबन्धन में शिक्षक की भूमिका का वर्णन कीजिए।
  43. प्रश्न- कक्षा-कक्ष प्रबन्धन की क्यों आवश्यकता है ?
  44. प्रश्न- टीम निर्माण की आवश्यकता बताते हुए टीम निर्माण में सम्प्रेषण के महत्व की विवेचना कीजिये?
  45. प्रश्न- सम्प्रेषण का क्या अर्थ है? इसकी आवश्यकता एवं महत्व की विवेचना कीजिए।
  46. प्रश्न- सम्प्रेषण प्रक्रिया के प्रमुख घटक कौन-कौन से हैं? विद्यालय में सम्प्रेषण के विभिन्न स्तरों का उल्लेख कीजिए।
  47. प्रश्न- सम्प्रेषण की कौन-कौन सी विधियाँ एवं प्रविधियाँ प्रयोग में लायी जाती हैं? सम्प्रेषण की समस्याओं का उल्लेख कीजिए।
  48. प्रश्न- सम्प्रेषण के आधार पर टीम निर्माण के निहित तत्वों का वर्णन कीजिये।
  49. प्रश्न- दल-निर्माण में सम्प्रेषण की अवधारणा स्पष्ट कीजिये।
  50. प्रश्न- टीम निर्माण में सम्प्रेषण के सिद्धान्तों का प्रयोग समझाइये ?
  51. प्रश्न- दल निर्माण के उद्देश्यों को स्पष्ट कीजिये।
  52. प्रश्न- सम्प्रेषण में सुधार करने के लिए दल निर्माण की भूमिका का वर्णन कीजिये।
  53. प्रश्न- सम्प्रेषण किसे कहते हैं? स्पष्ट कीजिए।
  54. प्रश्न- सम्प्रेषण की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
  55. प्रश्न- सम्प्रेषण प्रक्रिया के प्रमुख घटक कौन-कौन से हैं? उल्लेख कीजिए।
  56. प्रश्न- सम्प्रेषण की आवश्यकता तथा महत्व पर प्रकाश डालिए।
  57. प्रश्न- विद्यालय प्रबन्धन में स्वोट (SWOT) विश्लेषण क्या है ? स्वोट विश्लेषण की विशेषताएँ बताइये।
  58. प्रश्न- विद्यालय प्रबन्धन की गुणवत्ता को प्रभावशाली बनाने में स्वोट विश्लेषण आयोजित करने के लिए शिक्षकों के कर्त्तव्यों का वर्णन कीजिए।
  59. प्रश्न- Swot स्वोट विश्लेषण के लाभ समझाइये।
  60. प्रश्न- स्वोट विश्लेषण का मूल्यांकन कैसे किया जा सकता है? समझाइये।
  61. प्रश्न- SWOT स्वोट विश्लेषण के रूप या प्रकार बताइये।
  62. प्रश्न- स्कूल या विद्यालय का अर्थ व परिभाषा बताते हुए उसके कार्यो की विवेचना कीजिये।
  63. प्रश्न- विद्यालय और समाज एक-दूसरे पूरक एवं सहयोगी हैं, विस्तार से वर्णन कीजिए।
  64. प्रश्न- विद्यालय भवन के निर्माण, साज-सज्जा तथा रख-रखाव पर विस्तृत वर्णन कीजिये।
  65. प्रश्न- विद्यालय भवन या निर्माण के आवश्यक घटकों का वर्णन कीजिये।
  66. प्रश्न- विद्यालय भवन से क्या तात्पर्य है? विद्यालय भवन निर्माण के आवश्यक तथ्यों का उल्लेख कीजिए।
  67. प्रश्न- विद्यालय पुस्तकालय से आप क्या समझते हैं? पुस्तकालय के उद्देश्य एवं लाभ का वर्णन कीजिए।
  68. प्रश्न- विद्यालय के प्रकारों पर प्रकाश डालिए।
  69. प्रश्न- विद्यालय भवन निर्माण के चरण (Steps) बताइये।
  70. प्रश्न- विद्यालय भवन में लर्निंग कार्नर किसे कहते हैं?
  71. प्रश्न- विद्यालय भवन के प्रमुख कक्ष पर प्रकाश डालिए।
  72. प्रश्न- विद्यालय / स्कूल की मुख्य विशेषतायें समझाइये।
  73. प्रश्न- विद्यालय की आवश्यकता एवं महत्व को बताइये।'
  74. प्रश्न- भौतिक संसाधन प्रबन्धन की विशेषताएँ स्पष्ट कीजिए।
  75. प्रश्न- विद्यालय भवन-निर्माण के सिद्धान्त का उल्लेख कीजिए।
  76. प्रश्न- विद्यालय छात्रावास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  77. प्रश्न- विद्यालय भवन की विशेषताएँ स्पष्ट कीजिए।
  78. प्रश्न- 'समय सारणी शिक्षण-अधिगम के कुछ मूल सिद्धान्तों पर आधारित होती है, केवल मात्र मुख्याध्यापक की मर्जी पर नहीं।' इस कथन को स्पष्ट करते हुए समय-सारणी के निर्माण सम्बन्धी सिद्धान्तों की व्याख्या कीजिये।
  79. प्रश्न- विद्यालय समय-सारणी के प्रकार बताइये तथा कक्षा विद्यालय की समय-सारणी 'का उदाहरण दीजिये।
  80. प्रश्न- समय-सारणी चक्र का निर्माण करने के सामान्य सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
  81. प्रश्न- समय सारणी चक्र के निर्माण करने के विशिष्ट सिद्धान्तों का उल्लेख कीजिए।
  82. प्रश्न- समय-सारिणी चक्र के विभिन्न प्रकारों का उल्लेख कीजिए।
  83. प्रश्न- विद्यालय वातावरण का अर्थ समझाइए।
  84. प्रश्न- विद्यालय समय-सारणी के सोपान (Steps ) बताइये।
  85. प्रश्न- समय-सारणी की पाँच विशेषताओं का उल्लेख कीजिये ?
  86. प्रश्न- विद्यालय समय-सारणी के महत्व पर प्रकाश डालिए।
  87. प्रश्न- विद्यालय में समय चक्र की आवश्यकता व महत्त्व की विवेचना कीजिए।
  88. प्रश्न- समय तालिका के निर्माण में आने वाली व्यावहारिक कठिनाइयों का वर्णन कीजिए।
  89. प्रश्न- समय तालिका निर्माण के प्रमुख सिद्धान्तों का संक्षेप में उल्लेख कीजिए।
  90. प्रश्न- प्रयोगशाला से आपका क्या तात्पर्य है? प्रयोगशाला स्थापना के सिद्धान्तों का वर्णन कीजिये।
  91. प्रश्न- एक अच्छी प्रयोगशाला से छात्रों को क्या-क्या लाभ प्राप्त हुए हैं ? साथ ही प्रयोगशाला संचालन करते समय क्या सावधानियाँ रखनी चाहिए ? उसका उल्लेख कीजिए।
  92. प्रश्न- विद्यालय में प्रयोगशाला के महत्व एवं लाभ को स्पष्ट कीजिए।
  93. प्रश्न- खेल का मैदान/क्रीडास्थल पर टिप्पणी लिखिए।
  94. प्रश्न- खेल के मैदान का महत्व बताइये।
  95. प्रश्न- विद्यालय में खेल के मैदान की व्यवस्था किस प्रकार करनी चाहिए? समझाइये। उत्तर -
  96. प्रश्न- स्टाफ रूम / शिक्षक-कक्ष को स्पष्ट कीजिये।
  97. प्रश्न- कक्षा-कक्ष ( Class Room) को परिभाषित कीजिये।
  98. प्रश्न- बच्चों के अनुकूल स्कूल (Child Friendly School ) पर प्रकाश डालिए।
  99. प्रश्न- संस्थागत शासन से आपका क्या तात्पर्य है तथा संस्थागत प्रशासन में प्रधानाचार्य की भूमिका का उल्लेख कीजिये।
  100. प्रश्न- कार्मिकों (स्टाफ) की भर्ती एवं चयन प्रक्रिया को समझाइये।
  101. प्रश्न- स्टाफ ( Staff) मूल्यांकन को समझाते हुए, इसकी विशेषताएँ बताइये ?
  102. प्रश्न- स्टाफ ( शिक्षकों) के व्यावसायिक विकास को विस्तारपूर्वक समझाइये ?
  103. प्रश्न- विद्यालय में बैटक ( मीटिंग) की व्यवस्था करने में प्रधानाचार्य की क्या भूमिका है? वर्णन कीजिये।
  104. प्रश्न- शैक्षिक प्रशासन के आधारभूत सिद्धान्तों का वर्णन कीजिये।
  105. प्रश्न- शिक्षा प्रशासन के प्रारूपों का वर्णन कीजिये। शिक्षा व्यवस्था के तीनों स्तरों पर प्रशासन के स्वरूप / संरचना का वर्णन कीजिये।
  106. प्रश्न- शैक्षिक प्रशासन से आप क्या समझते हैं? शैक्षिक प्रशासन के क्षेत्र का वर्णन कीजिए।
  107. प्रश्न- शैक्षिक प्रशासन की आवश्यकता व महत्व पर प्रकाश डालिए और उसके उद्देश्यों को भी स्पष्ट कीजिए।
  108. प्रश्न- शैक्षिक प्रशासन के आधारभूत सिद्धान्तों की विवेचना कीजिए।
  109. प्रश्न- ऐतिहासिक दृष्टि से शैक्षिक प्रशासन को कितने विभिन्न भागों में विभाजित किया जा सकता है? स्वतन्त्र भारत में शिक्षा प्रशासन की विवेचना कीजिए।
  110. प्रश्न- शैक्षिक प्रशासन कला है या विज्ञान? संक्षेप में स्पष्ट कीजिए।
  111. प्रश्न- शैक्षिक प्रशासन का अर्थ क्या है? स्पष्ट कीजिए।
  112. प्रश्न- केन्द्रीकरण एवं विकेन्द्रीकरण का अर्थ एवं विशेषताएँ स्पष्ट कीजिए।
  113. प्रश्न- शैक्षिक प्रशासन के गुण एवं विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  114. प्रश्न- शैक्षिक प्रशासन के व्यापक अर्थ को स्पष्ट कीजिए।
  115. प्रश्न- बाह्य तथा आन्तरिक प्रशासन से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए।
  116. प्रश्न- एक अच्छे शैक्षिक प्रशासक के गुणों का वर्णन कीजिए।
  117. प्रश्न- विद्यालय पर्यवेक्षक के रूप में प्रधानाचार्य की भूमिका का वर्णन कीजिए।
  118. प्रश्न- संस्थागत क्रियाओं के सुशासन हेतु प्रधानाचार्य की भूमिका स्पष्ट कीजिए।
  119. प्रश्न- प्रधानाचार्य के पर्यवेक्षण सम्बन्धी कार्य का उल्लेख कीजिए।
  120. प्रश्न- मूल्यांकन में प्रधानाचार्य की भूमिका स्पष्ट कीजिए।
  121. प्रश्न- विद्यालय में मीटिंग की व्यवस्था करने में प्रधानाचार्य की भूमिका की संक्षिप्त विवेचना कीजिए।
  122. प्रश्न- परिवेक्षण तथा पर्यवेक्षण में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  123. प्रश्न- विद्यालय स्वास्थ्य शिक्षा कार्यक्रम क्या है ? इसके उद्देश्य बताइये।
  124. प्रश्न- स्वास्थ्य शिक्षा से आप कया समझते हैं? स्वास्थ्य शिक्षा के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए एक अध्यापक की भूमिका का वर्णन करें।
  125. प्रश्न- विद्यालयों में बच्चों के स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले कारक कौन से हैं? विवेचन कीजिए।
  126. प्रश्न- विद्यालयीय चिकित्सा सेवा से क्या तात्पर्य है? इसके विभिन्न पक्षों और कार्यों का वर्णन कीजिए।
  127. प्रश्न- योग का अर्थ बताते हुए विभिन्न विद्वानों की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए। अथवा योग शिक्षा से आप क्या समझते हैं? उल्लेख कीजिए।
  128. प्रश्न- विद्यालय मध्याह्न भोजन से आप क्या समझते है ? भोजन के विभिन्न कार्यों पर टिप्पणी लिखिए।
  129. प्रश्न- मध्याह्न भोजन की आवश्यकता बताइए तथा निष्पादन पर इसके प्रभाव का वर्णन कीजिए।
  130. प्रश्न- सन्तुलित आहार से आप क्या समझते हैं? पौष्टिक आहार के विभिन्न तत्वों के स्रोतों तथा कार्यों की विवेचना कीजिए।
  131. प्रश्न- एक चिकित्सा निरीक्षण क्या है?
  132. प्रश्न- टीकाकरण (Immunization) पर अपने विचार व्यक्त करिये ?
  133. प्रश्न- उचित मुद्रा (Posture ) के महत्व पर विचार प्रकट कीजिये।
  134. प्रश्न- शैक्षिक प्रशासन के केन्द्रीयकरण के नियम के गुणों को समझाइये।
  135. प्रश्न- शैक्षिक प्रशासन के नियम विभिन्न विद्वानों द्वारा प्रस्तुत हैं संक्षेप में बताइये।
  136. प्रश्न- शैक्षिक प्रशासन के स्वरूप को संक्षेप में बताइये।
  137. प्रश्न- छात्रों के नियमित स्वास्थ्य निरीक्षण से होने वाले लाभों का वर्णन कीजिये।
  138. प्रश्न- कलाई की योग मुद्राओं के प्रकार बताइये।
  139. प्रश्न- चिकित्सा से सम्बन्धित शिक्षक के क्या कार्य या कर्त्तव्य होने चाहिए ?
  140. प्रश्न- मेडिकल या स्वास्थ्य रिकॉर्ड के अभिलेख का वर्णन कीजिये।
  141. प्रश्न- स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम का क्या अर्थ है? स्पष्ट कीजिए।
  142. प्रश्न- स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम में अध्यापक की भूमिका का विवेचन कीजिए।
  143. प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (1. शैक्षिक नेतृत्व का अर्थ एवं प्रकार)
  144. प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (2. दल निर्माण)
  145. प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (3. शैक्षिक प्रशासन और स्कूल )
  146. प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (4. विद्यालय में एक प्रभावी कक्षा कक्ष प्रबन्धन के लिए प्रबन्धन कार्यों का उपयोग करना )
  147. प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (5. दल निर्माण में सम्प्रेषण का महत्व )
  148. प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (6. विद्यालय प्रबन्धन में गुणवत्ता सुधार के लिए तथा स्वोट विश्लेषण आयोजित करने के लिए शिक्षकों एवं प्रधानाचार्य का कौशल)
  149. प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (7. स्कूल (विद्यालय) - उसके कार्य और समाज से सम्बन्ध)
  150. प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (8. स्कूल वातावरण : अर्थ एवं प्रकार, समय-सारणी, समय-सारणी तैयार के सिद्धान्त और तकनीक)
  151. प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (9. प्रयोगशाला, खेल मैदान, छात्रावास, स्टाफ रूम, कक्षा-कक्ष)
  152. प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (10. संस्थागत शासन, चयन प्रक्रिया, स्टाफ का मूल्यांकन)
  153. प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (11. भारत में शैक्षिक प्रशासन के सिद्धान्त और उसकी संरचना )
  154. प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (12. प्रधानाचार्य विद्यालय पर्यवेक्षक के रूप में )
  155. प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (13. स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम के पर्यवेक्षक )

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book